किन्नर से प्यार भाग - 9




कहानी _ **किन्नर का प्यार** 

भाग _ 9

लेखक_ श्याम कुंवर भारती

थोड़ी देर सब सुनंदा के घर पहुंच गए जहा उसकी मां और उसकी सहेली राखी बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे।
सुनंदा को देखते ही राखी लपकती हुई उसके पास आ गई और बोली अच्छा हुआ तुम आ गई वरना मुझे आना पड़ता।तभी उसकी नजर राहुल की मां और उसकी बहन पर पड़ी।उसने सुनंदा की तरफ सवालिया निगाह से देखा।
उसने धीरे से कहा _ ये राहुल की मम्मी और छोटी बहन है मुझे छोड़ने के लिए आए है।
उसकी मां ने अपने हाथ जोड़ते हुए कहा नमस्कार बहन जी माफ कीजिए मेरी बेटी की वजह से आपको बहुत तकलीफ हुई होगी।
अरे नही बहन जी आपकी बेटी से मुझे कोई तकलीफ नहीं हुई बल्कि ये तो बड़ी प्यारी और भोली लड़की है। भला इससे किसी को कोई तकलीफ हो सकती है क्या।राहुल की मां प्रज्ञा देवी ने कहा ।
सुनंदा ने खुद आगे बढ़कर राहुल की मां और उसकी बहन लवली के लिए कुर्सी लाकर दिया दोनो बैठ गए।
ममता देवी ने अपनी बेटी सुनंदा सेgg कहा _बेटी इनके लिए चाय पानी लाओ।
सुनंदा रसोई की ओर चली गई पिछे पिछे राखी भी चली गई।
राहुल के घर इस तरह अचानक क्यों चली गई थी तुम ।कही वे लोग तुम दोनो के रिश्ते के लिए नाराज तो नही हुए ।राखी ने चिंता जाहिर करते हुए पुछा।
सुनंदा नही यार लेकिन मुझे राहुल के चले जाने से अच्छा नही लग रहा है।सुनंदा उदास मन से कहा।
लेकिन उसका जाना तो पहले से तय था।तुझे भी पता था।फिर क्यों उदास हो तुम ।राखी ने आश्चर्य करते हुए पुछा।g
हां यार मुझे सब पता था लेकिन पता नही क्यों कुछ अच्छा नही लग रहा है।जब वो यहा रहता था उससे मिलना जुलना हो जाता था,कुछ बाते हो जाया करती थी ।लेकिन अब तो केवल यदा कदा उससे केवल फोन पर ही बात हो पायेगी।
सुनंदा ने कहा।
ज्यादा पागल मत बनो राहुल तब तक तुम्हारा है जब तक उसे तुम्हारी किन्नर होने की बात पता नही चलती है।लेकिन जैसे ही उसे तुम्हारे बारे में पता चलेगा तुम देख लेना वो तुमसे जरूर रिश्ता तोड़ लेगा।
राखी ने चिंतित होते हुए कहा ।
आगे जो होगा वो होगा सखी लेकिन अभी तो राहुल मेरी हर सांस में समाया हुआ है।उसके बिना जीना मुश्किल होगा मेरा।सुनंदा ने कहा 
ठीक है मुझे मालूम है की तुम उसे कितना चाहती हो और राहुल भी तुम्हे चाहता है।लेकिन राहुल अपने भविष्य को उज्जवल बनाने हेतु दिल्ली गया है।वो एक आई ए एस ऑफिसर बन कर आयेगा।तब उसके लिए हजारों लड़कियों की लाइन लग जायेगी।
मैं मुंह नोच लूंगी अगर किसी लड़की ने मेरे राहुल की तरफ आंख उठाकर भी देखा।
वो तब कर पाती जब तुम एक पूरी औरत होती ।तुमको मालूम है तुम्हारी सबसे बड़ी कमजोरी क्या है। न तुमयह उसे औरत सुख दे सकती हो और न कभी मां बन सकती हो इसलिए अब तुम्हे अपने भविष्य के बारे में सोचना है।इन सब बातो से ध्यान हटाकर अपनी वकालत की पढ़ाई पर ध्यान दो और अपना भविष्य बनाने के बारे में सोचो।तुम्हारी मां भी इसी बात को लेकर चिंतित है।
राखी ने उसे समझाने का प्रयास करते हुए कहा।
मुझे मालूम है सखी मेरी कमी क्या है।मुझे मालूम है मैं एक किन्नर लडकी हूं।लेकिन अपने दिल का क्या करूं।दिल तो केवल राहुल को चाहता है।सुनंदा ने दुखी मन से कहा।
तब तक चाय बन गई थी। सुनंदा नेh सबके लिए कप में चाय डाली और कुछ नमकीन बिस्कुट ट्रे में लेकर बाहर आ गई ।उसकी मां और बहन आपस में बात चीत कर रहे थे।
राहुल की मां ने कहा बहन जी मुझे आपकी बेटी बहुत पसंद है। सुनंदा एक सुशील ,सुघड़ और सुंदर है। गृह कार्य में कुशल है ।ये मेरे राहुल कोह काफी चाहती भी है।
इसलिए मैं चाहती हूं कि हमलोग दोनो की पढ़ाई पूरी होने के बाद इनका आपस मे विवाह कर दिया जाए। अगर आप सहमत हो में राहुल के पापा से भी बात कर लूंगी।
राहुल की मां की बात सुनकर सुनंदाh की मां राखी काफी गंभीर सोच में पड़ गए।
क्या सोचने लगी बहन जी जल्दी से हां बोलिए ,प्रज्ञा देवी में चाय पीते हुए पुछा ।
सुनंदा देवी को कुछ समझ नही आ रहा था क्या जवाब दे राहुल की मां को क्योंकि उन्हें अपनी बेटी के बारे में पता था।
फिर भी जवाब तो देना ही था ।वो बोली _ बहन जी मुझे तो बहुत खुशी होगी दोनो का विवाह कर के ।क्योंकि दोनों एक दूसरे को बहुत पसंद करते हैं।
लवली ने बीच में कहा आण्टी मुझे तो सुनंदा दी भाभी के रूप में बहुत पसंद है।इनके इतना मेरे राहुल भैया को कोई प्यार कर ही नही सकती।
जबसे भईया गए हैं ये लगातार रो रही है।उनके जाने की पूरी तैयारी इन्होंने ही करवाया है। मम्मी को तो कुछ करने ही नही दिया।
लवली बिल्कुल सही कह रही है।राहुल की मां ने कहा ।
मुझे बहुत खुशी हो रही है बहन जी वर्ना मैं घबड़ा गई थी कही इसके जाने से आप लोग नाराज न हो जाएं।
लेकिन शादी विवाह की बात का मामला है इसे इतना जल्दी तय नहीं कर सकते।पहले दोनो की पढ़ाई पूरी। हो जाए तब इसके बारे में सोचेंगे। सुनंदा की मां ने कहा ।
ठीक है मुझे भी कोई जल्दीबाजी नही है लेकिन मुझे आपकी बेटी ही बहु के रूप में चाहिए।राहुल की मां ने कहा ।
अब हमलोग चलते है कभी आप सब भी मेरे घर आइए।मुझे भी अच्छा लगेगा बहन जी ।
इतना कहकर वो उठ खड़ी हुई ।लवली भी अपनी मां के पीछे हो ली।
राखी और सुनंदा चौक तक साथ गए और एक ऑटो वाले को बुलाकर राहुल की मां और बहन को बैठा दिया ।दोनोg ने उनको प्रणाम किया और वे निकल गई।
राहुल की मां के जाते ही राखी ने कहा तुम्हारी मां ने सही जवाब दिया वर्ना वे हां बोल देती तो बड़ी मुश्किल हो जाती।
कल हम दोनो लॉ कॉलेज चलेंगे और अपने एडमिसन की तैयारी करेंगे।
रात को सुनंदा की मां ने अपने पति से राहुल की मां और उसकी बहन के आने और बातचीत के बारे में बताया और कहा _ उन्होंने हमारी बेटी को अपनी बहु बनाने का प्रस्ताव दिया है।मैंने पढ़ाई पूरी होने एक मामला टाल दिया है।
बहुत अच्छा किया तुमने सुनंदा कि मां।लेकिन मुझे हमेशा अपनी बेटी केg भविष्य की चिंता बनी रहती है।
मुझे हर हाल में अपनी बेटी की खुशी चाहिए। सुनंदा के पापा ने कहा।
आप जल्दी किसी बड़े सर्जन डॉ से बात करके देखिए न जी ।आज तो विज्ञान बहुत आगे निकल गया है। लडका को लड़की और लड़की को लडका बना दे रहा है।तो क्या मेरी बेटी को शारीरिक कमजोरी ठीक नहीं कर सकता।
उसे एक पूरी औरत नही बना सकता।उसके इस्त्री जननांग को विकसित कर उसके अंदर गर्भाशय का निर्माण नही कर सकता।उसका मासिक नही शुरू करवा सकता।
इतना कहते कहते वो रोने लगी।
राहुल और सुनंदा की कितनी सुंदर जोड़ी है लेकिन मैं उन दोनो के विवाह के लिए हां नही बोल पा रही हूं।भगवान ने इतना सुंदर रंग रूप मेरी बेटी को दिया लेकिन शायद हमदोनो के अगले पिछले किसी जन्म के बुरे कर्मो की सजा भी दिया है।मेरी बेटी को उसने अधूरा पैदा किया है।
सुनंदा की मां ने रोते हुए कहा।
तुम ठीक कह रही हो सुनंदा की मां ।लेकिन रोने से कुछ नही होगा ।अपने दिल को मजबूत करो।पहले बेटी को उसकी पढ़ाई पूरी करने दो मैं किसी बड़े सर्जन डॉक्टर से सलाह लेता हूं।

शेष अगले भाग _ 10 में 

लेखक_ श्याम कुंवर भारती
बोकारो, झारखंड




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1 Comments

Mohammed urooj khan

04-Nov-2023 12:39 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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